Wednesday, 25 April 2018

Biswamanab Siksha and Veda Yoga Avijan 263 dt 25/ 04/ 2018

विश्व स्तरीय शिक्षा और उत्खनन अभियान (263) दिनांक -25 / 04/018 आज का विषय: - [वेद देश को समृद्ध बनाकर अपने कर्तव्यों का त्याग कर रहे हैं।]
दिल में एक सच्चे वादे के बिना, कोई देशभक्त बनकर बड़ी सफलता के साथ सफल नहीं हो सकता है। प्रत्येक व्यक्ति अपने कर्तव्यों को पूरा करने और देश के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित करने के लिए इस दुनिया में पैदा हुआ है। जो लोग अपने हितों के लिए काम करते हैं, उन्होंने खुद को मशाल करके और उन्हें मार कर आग लगा दी है। और जो देश के पुजारी हैं, जो केवल देश के कल्याण के लिए वेदों की पेशकश करते हैं, सत्य का ज्ञान प्राप्त करते हैं, और लोगों को यथार्थवाद पर एकीकृत करते हैं और देश को समृद्ध बनाते हैं। यदि पुजारी वेदी का पुजारी नहीं है, तो कोई भी निःस्वार्थ रूप से देशभक्त हो सकता है और देश के लिए अच्छा कर सकता है। वेद यज्ञ का रहस्य केवल वेद युग के ऋगिर के लिए जाना जाता था। वे इन रहस्यों को अपने वंशजों को देते हैं। इन ब्राह्मणविदों के अलमारियों से, देश के राजा और देश देश के सुधार के लिए देशभक्त बन गए और जीवन का त्याग किया और दुनिया के मार्ग पर रहते थे। जय भारत माता।

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